स्त्रियाँ और मंगलसूत्र
स्त्रियाँ और मंगलसूत्र 💇💇💇💇💇💇 विवाहित हिन्दू महिलायें विवाह बाद कई प्रकार के चिन्ह और गहने धारण करती हैं इनमें मंगलसूत्र, सिंदूर ,बिछुए ,बालियाँ, चूड़ियां, और मांग में सिन्दूर सबसे अहम माने जाने हैं। गहनों में सबसे अहम माना जाता है मंगलसूत्र। मंगलसूत्रकी तुलनाकिसी अन्य आभूषण से नहीं की जा सकती। प्राचीन काल से मंगलसूत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए विवाह केबाद सुहागन स्त्रियां इसे श्रद्धापूर्वक गले में धारणकरती हैं। लेकिन, ऐसा क्यों है? इसके पीछे मंगलसूत्र में मौजूद चमत्मकारी गुण का होना है।विवाह के अवसर पर वधू के गले में वर मंगलसूत्र पहनाता है।अनेक दक्षिण राज्यों में तो मंगलसूत्र पहनाए बिना विवाह की रस्म अधूरी मानी जाती है। वहां सप्तपदी से भी अधिक मंगलसूत्र का महत्व है। मंगलसूत्र में काले रंग के मोती की लडियों, मोर एवं लॉकेट की उपस्थिति अनिवार्य मानी गई है। इसकेपीछे यह मान्यता है कि लॉकेट अमंगल की संभावनाओं से स्त्री के सुहाग की रक्षा करता है जबकि मोर पति के प्रति श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। काले रंग