कांग्रेश की धृत करतूत

हिन्दुस्तान का दुश्मन पाकिस्तान है और काँग्रेस सरकार 2004 में पाकिस्तान का वकील हायर करती है ,सोचो देश मे क्या वकील नही थे जो पाकिस्तान से लेना पड़ा कांग्रेशियो को ,  देश के साथ हर कदम पर ग़द्दारी करती रही है UPA सरकार ????

UPA के खावर कुरैशी कनेक्शन पर हमलवार हुई भाजपा, कहा- कांग्रेस को सिर्फ 'मेड इन पाकिस्तान वकील' पर भरोसा

कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान की पैरवी कर रहे खावर कुरैशी.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे) में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान की ओर से पैरवी कर रहे खावर कुरैशी का संप्रग (यूपीए) सरकार से गहरा नाता है. इस संबंध में ज़ी न्यूज़ के खुलासे के बाद भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए सवालों की झड़ी लगा दी.

2004 में कांग्रेस ने ICJ में भारत के लिए चुना था खावर कुरैशी को, भाजपा ने पूछा- कांग्रेस को 'मेड इन पाकिस्तान' वकील क्यों पसंद हैं

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने जी न्यूज के खुलासे के बाद कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस को क्या 'मेड इन पाकिस्तान वकील' ही पसंद हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानी नेताओं का गुणगान करते हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के पीएम मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तानी की मदद मांगने वाले बयान का भी जिक्र किया.

बीजेपी ने मांग की है कि कांग्रेस को इस मामले में जवाब देना चाहिए कि उन्होंने भारत के एनरॉन जैसे महत्वपूर्ण मामले में पाकिस्तानी वकील कुरैशी को क्यों नियुक्त किया और उन पर क्यों भरोसा किया. वहीं ,दूसरी ओर कांग्रेस भी बचाव में उतर आई है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वकील की नियुक्ति लॉ फर्म ने की थी सरकार ने नहीं. 

कौन है खावर कुरैशी

खावर कुरैशी लंदन के बहुत बड़े वकील हैं. जाधव के मामले में इन्होंने आईसीजे में पाकिस्तान का केस लड़ा और इसके लिए इन्होंने 5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की मोटी फीस ली. इस मोटी फीस के बदले खावर कुरैशी ने कुलभूषण जाधव को एक आंतकवादी कहा और अपनी दलीलों को साबित करने के लिए कई तरह के झूठ बोले.

दाभोल परियोजना में लड़ा था भारत का केस:

यह साल 2004 की बात है, जब महाराष्ट्र में रत्नागिरी दाभोल परियोजना में एनरॉन कंपनी ने भारत सरकार पर 6 अरब अमेरिकी डॉलर यानी करीब 38 हजार करोड़ का केस कर दिया था. जब यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में गया तो अपना केस लड़ने के लिए भारत सरकार ने खावर कुरैशी को अपना वकील नियुक्त किया था.

तब तत्कालीन संप्रग (यूपीए) सरकार ने भारत का केस लड़ने वाली लॉ फॉर्म डीएलए पाइपर को हटा दिया था और इसकी जगह फॉक्स मंडल को नियुक्त किया था. फॉक्स मंडल की ही सलाह पर खावर कुरैशी को वकील चुना गया. वहीं दूसरी ओर इस मामले के सामने के बाद कांग्रेस के इस फैसले का बचाव करते हुए पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुरैशी एक स्वतंत्र बैरिस्टर हैं और पाकिस्तान भी भारतीय वकीलों को नियुक्त करता है.

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