शैतानी चोला......

जब तक अंदर तक नही जाकोगे सच्चे खेल का पत्ता नही चलेगा,शैतान साधु का चोला पहनके अपनी अय्यासी और आतंक से भरी आदतों से बाज़ नही आएगा........

करवाचौथ नारी उत्पीड़न है,
3 तलाक़ धार्मिक आस्था...

देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति थी,
हलाला पवित्र नारी-शुद्धिकरण...

बहुविवाह एक अनैतिक प्रथा थी,
चार-निक़ाह ईश्वरीय आदेश...

चुटिया रखना धार्मिक ढोंग है,
बकर-दाढ़ी ईश्वर का नूर है...

यज्ञोपवीत पहनना धार्मिक कट्टरवाद है,
अरबी लबादा ओढ़ना धार्मिक पहचान है...

कर्ण छेदन असभ्य क्रूरता है,
ख़तना अलौकिक प्रक्रिया...

पितृपक्ष तर्पण एक ढोंग है,
मरहूमों की मज़ारों पर चढ़ावा चढ़ाना श्रद्धा...

जल्लीकट्टू पशु उत्पीड़न है,
पशुओं की गला रेतकर क़ुर्बानी धार्मिक आस्था...

गौरक्षा माँसाहार के अधिकार का हनन है,
सुअर खाने वाले शैतान हैं...

दही-हांडी ख़ेल ख़तरनाक़ है,
छाती-पीट ख़ूनी मातम धार्मिक आस्था...

संस्कृत गुरुकुल कट्टरवाद सिखाते थे,
मदरसों में आधुनिक वैज्ञानिक शोध होते हैं...

व्रत-उपवास दकियानूसी ढोंग हैं,
रोज़े वैज्ञानिक शारीरिक तपस्या है...

हिंदुओं में खानपान की छुआछूत अमानवीय है,
शिया-सुन्नी-अहमदिया का आपसी क़त्लेआम स्नेहिल भाईचारा है...

इसमें से अधिकांश बातें तो बचपन से सुनता आया हूँ...

वाह रे प्रगतिशील हरे सेक्युलरों,
वाह रे ब्रिटिश कानूनों का
कॉपी-पेस्ट क़ानून-संविधान और
वाह रे मीलॉर्ड न्यायासुरों...
...बकासुर

#आर्यवर्त

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