अघोर क्या है ?
llआदेश ll
अघोर क्या है ?
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अघोर जिसे कोई डर ना हो जेसे, एक बच्चा या शिशु l जेसे एक बच्चे की देखभाल उनके माता-पिता करते है उसी प्रकार एक अघोरी पर हमेशा महाकाली -महाकाल (काली शिव की शक्ति है l) की नज़र रहती है वो अपने बच्चे का ध्यान रखते है पर सबसे कठिन है वो बच्चा बनना जो सच्चा अघोरी हो सके संसार के सार को समझ सके और खुद को अपने असली माँ-बाप के हवाले कर निश्चिंत हो सके l
अब बात.आती है वो बच्चा केसे बना जाए ?
जिस तरह हर धर्म और कार्यशाला केअपने नियम होते है और उनका पालन करके ही उसे आत्मसात किया जा सकता है वेसे ही अघोर के भी नियम होते है l
जेसे :- किसी भी वस्तु व्यक्ति और जीव मे कोई भेद नही करना सब अच्छा है कुछ बुरा या त्याज्य नही होता जो संसार के लिए हीन और बेकार है उसे भी अघोरी उतना ही महत्वपूर्ण मानता है जितना कि बाकि सब चिजे अघोरी के लिए दिन-रात सुंदर-कुरुप स्त्री-पुरुष महल-झोन्पडी और इसी तरह बाकी चिजो मे भी कोइ फर्क नही होता वो हर जगह मस्त रहता है अपने ईष्ट मे l
अघोर मे एक स्त्री का भी उतना ही महत्व है वो बात अलग है कि कुछ धुर्तो ने अघोर मे स्त्री को बदनाम कर रखा है जबकि ऐसा हो ही नही सकता कि जो शिव की शक्ति कि उपासना करते हो वो एक स्त्री को सम्मान ना दे l
अघोर पंथ मे नारी भी ब्राह्म्चर्य का पालन करती है l पर क्या सिर्फ शरीर को बर्ह्मचारी बनाकर मन को वश मे किया जा सकता है ?
नही ,नही किया जा सकता जब तक मन से हर तरह की इच्छा मिट नही जाती या मन वश मे नही हो जाता तब तक सब व्यर्थ है l और इसी लिए साधना मे ऐसी विधिया और नियम बनाए गऐ है कि साधक खुद को साध सके सब सामने होते हुए भी मन को जीत कर आगे बढ जाए l
अघोरी को कोई भटका नही सकता ना तन से ना धन से क्युकि जिस प्रकार योग से साधारण मनुष्य सप्त चक्र जागृत कर खुद को वश मे रखता है एक अघोरी अपने 9 द्वारो पर विजय हासिल कर 10वा द्वार जागृत कर लेता है फ़िर वो बन जाता है वो बच्चा जिसमे शिव को अपना अंश दिखता है l
अघोरी के पास शिव शक्ति की दी हुई शक्तिया होती है पर इससे वो सिर्फ जरुरतमंद ओर अच्छे कार्य के लिए ही उपयोग करते है l
गुरू बिना किसी भी कार्य मे आगे नही बढा जा सकता है , अघोर मे तो कतही नही l गुरू मिलते है शिव की कृपा से जिस दिन आदेश होगा उस दिन आप खुद-ब-खुद हो लोगे ऐक अघोरी के पीछे सब भूलकर l
जय महाकाली-जय महाकाल l
🕉।।अलख आदेश।।🕉
#आर्यवर्त #अघोर
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