कर्ण पिशाचिनी
आदेश आदेश गुरूजी अघोरी बीरनाथ जी को अलख आदेश!!!
कर्ण पिशाचिनी
नाम सुनकर बहुत ख़ुशी हो जाती है कि इसकी सिद्धि से आप किसी के भी बारे में जान सकते हो।
सत्य भी है , यह आपको किसी भी व्यक्ति का भुत , वर्तमान बताने में सक्षम भी है।
इसलिए कर्ण पिशाचिनी की सिद्धि के लिए भरसक प्रयास शुरू कर देते हैं।
परन्तु एक बात भूल जाते हैं कि हर इतर योनि की एक मर्यादा होती है।
सबसे ख़ास और महत्वपूर्ण बात यह है कि सिर्फ नाम सुनकर ही लोग इसे पाना चाहते हैं ।
कुछ पा भी लेते हैं परन्तु अधिकतम 6 माह से ज्यादा संभाल नहीं पाते हैं
उसका कारण है अधूरा ज्ञान।
सबसे जरूरी बात आप लोगोँ को बता दूँ कि कर्ण पिशाचिनी की सिद्धि आम आदमी के लिए नहीं है।
और आम आदमी को कर्ण पिशाचिनी की सिद्धि करना भी नही चाहिए।
इसकी सिद्धि करने वाला परिवार से सदैव विरक्त रहता है और साधना में जरा सी भी चूक की तो सर्वस्व हरण कर लेती है कर्ण पिशाचिनी।
जिस कारण उसके परिवार में अकाल मृत्यु भी होने लगती हैं, जिससे परिवार विध्वंस हो जाता है।
इसलिए जो वाम मार्गी साधक हो, तांत्रिक हो या अघोरी हो , सिर्फ वही कर्ण पिशाचिनी की सिद्धि कर सकता है।
परिवार में रहकर इसकी सिद्धि कभी नही हो सकती है , अगर हो भी गयी तो परिवार को विध्वंस कर देती है।
इसकी सिद्धि हम अघोरियो , साधकों के लिए ही इसकी सिद्धि योग्य है, परिवार में रहकर के आप लोग इसकी सिद्धि के लिए प्रयास न करें।
#अघोर
Sach mai hai
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