श्री बटुक दिलाएंगे शनि राहु केतु के कष्ट से मुक्ति

श्री बटुक दिलाएंगे शनि राहु केतु के कष्ट से मुक्ति 〰〰〰〰〰〰〰⚛⚛⚛〰〰〰〰〰〰〰〰 मित्रों, भगवान बटुक भैरव का प्राकट्य ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को हुआ था, उदय तिथि मत से इनका पूजन कल भी किया जा सकता है किंतु क्योंकि भैरव पूजन रात्रिकाल में ही श्रेयस्कर है अतः मेरी समझ से आज दशमी तिथि की रात्रि ही पूजन अधिक उत्तम होगा। बटुक #भैरव मूल मन्त्र:- 〰〰〰〰〰〰〰〰 ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ। बटुक भैरव #शाबर_मंत्र सिद्धि प्रयोग:- 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 निम्न मंत्र की 21 माला जप करें आसन, वस्त्र :- लाल दिशा: पूर्व, उत्तर माला : रुद्राक्ष ॐ ह्रीं बटुक भैरव बालक केश,भगवान वेश,सब आपदा को काल भक्त जनहट को पाल, कर धरे शिरकपाल दूजे करवाल त्रिशक्ति देवी को बाल भक्तजन मानस को भाल तेंतीस कोटि मन्त्र को जाल प्रत्यक्ष बटुक भैरव जानिए मेरी भक्ति गुरु की शक्ति । फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा। उपरोक्त मन्त्र सिद्ध होने पर एक माला मन्त्र का शुद्ध घी में बाजार में मिलने वाली हवन सामग्री में जैसे अक्षत,भीमसेनी कपूर, नाग केसर,काली तिल, कमल गट्टा इंद्र जव, जौ, शक्कर ,शहद, भोजपत्र ,पंच मेवा ,इलायची ...