कृष्णा भजन - 1

लाज राखो ऐ गिरधारी मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ

लाज राखो ऐ गिरधारी,
शरण तुम्हारी मैं हो चुकी हूँ

लै नी लै लै मीरा माथे दी बिंदिया
क्या करा नी माये, माथे दी बिंदिया  
चन्दन तिलक मैं ला चुकी हां

लै नी लै लै मीरा कन्ना दे झुमके 
क्या करा नी माये कन्ना दे झुमके 
कन्ना च कुंडल मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा गले दा पेंडल
क्या करा नी माये गले दा पेंडल
तुलसा दी माला मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा साल दोशाले 
क्या करा नी माये साल दोशाले 
भगवा चोला मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा हथा दे कंगन 
क्या करा नी माये हथा दे कंगन 
हथा  च वीणा  मैं लै चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा पैरा दी पायल 
क्या करा नी माये पैरा दी पायल 
पारा च घुंगरू मैं पा चुकी हां

लै नी लै लै मीरा महल चुबारे 
क्या करा नी माये महल चुबारे 
जंगल कुटिया मैं पा चुकी हां

लै नी लै लै मीरा छोटा जीहा वर नी 
क्या करा नी माये छोटा जीहा वर नी 
श्याम वर मैं पा चुकी हां

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लाज राखो ऐ गिरधारी मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ

लाज राखो ऐ गिरधारी,
शरण तुम्हारी मैं हो चुकी हूँ

लै नी लै लै मीरा माथे दी बिंदिया
क्या करा नी माये, माथे दी बिंदिया  
चन्दन तिलक मैं ला चुकी हां

लै नी लै लै मीरा कन्ना दे झुमके 
क्या करा नी माये कन्ना दे झुमके 
कन्ना च कुंडल मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा गले दा पेंडल
क्या करा नी माये गले दा पेंडल
तुलसा दी माला मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा साल दोशाले 
क्या करा नी माये साल दोशाले 
भगवा चोला मैं पा चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा हथा दे कंगन 
क्या करा नी माये हथा दे कंगन 
हथा  च वीणा  मैं लै चुकी हां 

लै नी लै लै मीरा पैरा दी पायल 
क्या करा नी माये पैरा दी पायल 
पारा च घुंगरू मैं पा चुकी हां

लै नी लै लै मीरा महल चुबारे 
क्या करा नी माये महल चुबारे 
जंगल कुटिया मैं पा चुकी हां

लै नी लै लै मीरा छोटा जीहा वर नी 
क्या करा नी माये छोटा जीहा वर नी 
श्याम वर मैं पा चुकी हां

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हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है

हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है।

सोने की होती जो, ना जाने क्या करती,
जब बांस की होकर यह दुनिया को नचाती है।

तुम गोरे होते जो, ना जाने क्या करते,
जब काले रंग पे यह दुनिया मर जाती है।

कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की मन में आ जाती है।

जय गोविंदा जय गोपाला,
मुरली मनोहर मुरली वाला।

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कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना

मेरे पापो का कोई ठिकाना नहीं
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो
दीन दुखिओं की सरकार तुम्ही तो हो
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

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मेरा दिल तुझपे कुर्बा मुरलिया वाले रे

मेरा दिल तुझपे कुर्बा मुरलिया वाले रे ।
अब तो हो जा मेहरबान मुरलिया वाले रे ॥

मैं तो तेरा एक दीदार चाहूँ ।
दीवाना तेरा, तेरा प्यार चाहूँ ॥
मुरलिया वाले रे सावरिया प्यारे रे,
मेरे दिल की तू दुनिया, मुरलिया वाले रे ॥

देखी है जब से यह तस्वीर तेरी ।
तब से बदल गयी है तकदर मेरे ॥
मुरलिया वाले रे सावरिया प्यारे रे,
मेरा दिल बाग़ बाग़, मुरलिया वाले रे ॥

चाहे कुछ भी कहे यह ज़माना ।
पागल हुआ एक तेरा दीवाना ॥
मुरलिया वाले रे सावरिया प्यारे रे,
अब तो तुही मेरी जान, मुरलिया वाले रे ॥

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होली खेल रहे नंदलाल वृंदावन कुञ्ज गलिन में

होली खेल रहे नंदलाल वृंदावन कुञ्ज गलिन में।
वृंदावन कुञ्ज गलिन में, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥

नंदगांव के छैल बिहारी, बरसाने कि राधा प्यारी,
हिलमिल खेले गोपी ग्वाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥

ढापडोल मजीरा बाजे, कहना मुख मुरली साजे,
ए री सब नाचत दे दे ताल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥

याने भर पिचकारी मारी, रंग में रंग दारी सारी,
ए री मेरे मुख पर मलो गुलाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥

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बंधन टूटे ना सांवरिया

बंधन टूटे ना, सांवरिया ।
राम करे पिया, तेरी उम्र में लग जाए मेरी उम्र भी ॥

लाल बसंती नीले काले,
कच्चे जगत के हैं रंग सारे ।
मैंने तो तेरे प्रेम के पक्के रंग में,
रंग ली चुनरिया ॥

मीरा कृष्ण के गीत सुनाए ।
मीरा जीया प्रिया तेरे गुण गाए ।
मीरा कृष्ण की प्रेम पुजारन,
अपने पीया की मैं बावरिया ॥

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सुनेहा साडा देवीं श्याम नू कागा कालिया

कागा उडदा उडदा जावीं, 
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ।
साडी बिरथा आख सुनावीं, 
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ॥

तेरे बिना रुकी साडी ज़िंदगी दी चाल वे,
तेरी याद कित्ता सानु हाल बेहाल वे ।
आवीं आवीं वे कन्हैया मुड़ आवीं,
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ॥

आखीं तेरी याद विच्च रोंदे गावां वछे ने,
गोपी ग्वाल रोंदे, रोंदे मांवा बच्चे ने ।
राधा बाँवरी ते तरस तू ख़ावीं,
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ॥

मानसी गंगा गिरिराज गोवर्धन,
सूने मधुवन निधिवन वृन्दावन ।
सुक्की यमुना च जल बरसावीं,
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ॥

आखदा ‘मधुप’ साडे टूट गए ने साज वे,
ना वज्जे बांसुरी, ना पैंदी किते रास वे ।
रंग बरसीं ते झूले झुलावीं,
सुनेहा साडा देवीं श्याम नू, कागा कालिया ॥

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यह तो प्रेम की बात है उधो

यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥

प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥

जो असल में हैं मस्ती में डूबे,
उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,
वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥

जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते हैं जग से न्यारे।
जिसकी नज़रों में मोहन समाये,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥

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यह तो प्रेम की बात है उधो

यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥

प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥

जो असल में हैं मस्ती में डूबे,
उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,
वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥

जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते हैं जग से न्यारे।
जिसकी नज़रों में मोहन समाये,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥

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कैसी होरी मचाई कन्हाई

कैसी होरी मचाई, कन्हाई
अचरज लख्यो ना जाई, कैसी होरी मचाई...

एक समय श्री कृष्णा प्रभो को, होरी खेलें मन आई
एक से होरी मचे नहीं कबहू, याते करूँ बहुताई
यही प्रभु ने ठहराई, कैसी होरी मचाई...

पांच भूत की धातु मिलाकर, एण्ड पिचकारी बताई
चौदह भुवन रंग भीतर भर के, नाना रूप धराई
प्रकट भये कृष्ण कन्हाई, कैसी होरी मचाई...

पांच विषय की गुलाल बना के, बीच ब्रह्माण्ड उड़ाई
जिन जिन नैन गुलाल पड़ी वह, सुध बुध सब बिसराई
नहीं सूझत अपनहि, कैसी होरी मचाई...

वेद अनेक अनजान की सिला का, जिसने नैन में पायी
ब्रह्मानंद तिस्का तम नास्यो, सूझ पड़ी अपनहि
ओरि कछु बनी न बनाई, कैसी होरी मचाई...

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बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया

बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया ।

सत् भांमा रुक्मण के जैसी लूगाई,
राधे के साथ कैसे जोड़ी बनाई,
बोल कान्हा बोल....
बोल कान्हा बोल तू नादान कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

ब्याह जिसे लाया वो गूहाई तेरी रानी,
बिना ब्याहे राधा कहाए महारानी,
बोल कान्हा बोल....
बोल कान्हा बोल ये सम्मान कैसे हो गया, 
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

राणी-पटराणी सारी हाजिरी बजावै, 
राधे महारानी तुझपे रोब्ब जमावै, 
बोल कान्हा राधे का....
बोल कान्हा राधे का गुलाम कैसे हो गया, 
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

तस्वीर बिवियों की कोने में पड़ी है, 
जितने मंदिर राधे बगल में खड़ी है, 
बोल कान्हा बोल.... 
बोल कान्हा बोल ये विधान कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

राणी-महारानी का लेंता नहीं नाम है,
डंके की चोट कहें राधा मेरी जान है, 
फिर भी भक्त तेरा.... 
फिर भी भक्त तेरा यें जहां कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

जिसने भी प्यार किया वो ही बदनाम है, 
प्रेमिका के साथ तेरी चार गुनी शान है,
झूठा सारा वेद.... 
झूठा सारा वेद और पुराण कैसे हो गया, 
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

हक़ ज्यादा राधे का क्यूँ है बता दे,
राधे से कहना पड़े श्याम से मिला दे, 
इतना बनवारी..... 
हां.. इतना बनवारी मेहरबान कैसे हो गया, 
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया,

बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया, 
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया

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बनकर तेरी श्याम दीवानी

बनकर तेरी श्याम दीवानी, सुध बुध बिसरा बैठी हूँ
चाहे जो कह ले दुनिया तुम्हें अपना बना बैठी हूँ 

मैंने छोड़ दिया जग सारा, मुझे और नही कोई प्यारा
सब तोड़  के झूठे  बंधन तेरे दर पर  आ बैठी हूँ

तेरे चरणो की ये दासी, तेरे दर्शन की है प्यासी
कब दोगे दर्शन प्यारे, उम्मीद लगा बैठी हूँ
बनकर तेरी श्याम दीवानी...

मोहे श्याम मिलन की धुन है, मोहे श्याम मिलन की धुन है
राधा ने सांवर पायो, मीरा ने गिरधर पायो
फिर में भी क्यों न पाउ, राधा मीरा बन जाऊं
पैरो में पहन कर घुंगरू, मैं झूमू नाचू गाउँ
हिर्दय मैं बसा कर तुमको तेरी लगन लगा बैठी हूँ
बनकर तेरी श्याम दीवानी ...

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मेरे उठे कलेजे पीड़ वृन्दावन जाउंगी

मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
बाजे मुरली यमुना तीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥

श्याम सलोनी सूरत की दीवानी हो गई।
सखी, कैसे पाऊं धीर, वृन्दावन जाउंगी॥

नैन लगे घिरीधर से, मैं तो पागल हो गयी।
अब कैसे दिखाऊं दिल चीर, सखी वृन्दावन जाउंगी॥

छूट गया मेरा भोजन पानी, श्याम की याद में।
दुनिया से भई फ़कीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥

वृन्दावन जाउंगी सखी, बरसाना जाउंगी,
बरसाना जाउंगी सखी, गोवर्धन जाउंगी,
गोवर्धन जाउंगी सखी, राधा कुण्ड नहाउंगी,
राधा कुण्ड नहाउंगी सखी, योगन बन जाउंगी,
योगन बन जाउंगी सखी, गिरिधर गुण गाऊँगी,
मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी॥

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श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरी का प्यारा नाम है

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है।
गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥

मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए,
वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच नचाए।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

गिरिधर नागर कहती मीरा, सूर को शयामल भाया,
तुकाराम और नामदेव ने विठ्ठल विठ्ठल गाया।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

नरसी ने खडताल बजा के सांवरिया को रिझाया,
शबरी ने अपने हाथों से प्रभु को बेर खिलाया।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

राधा शक्ति बिना ना कोई श्यामल दर्शन पाए,
आराधन कर राधे राधे काहना भागे आए।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

सिमरन का रस जिसको आया, वो ही जाने मन में,
निराकार साकार होतरे भगतों के आँगन में।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

श्याम सलोना कुंजबिहारी नटवर लीलाधारी,
अन्तर्वासी हरिअविनाशी लागे शरण तिहारी।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥

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