आज भी अज्ञात है, ये चार शक्तिपीठ!!!
आज भी अज्ञात है, ये चार शक्तिपीठ!!! ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े , धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ भी अस्तित्व में आए। इन शक्ति पीठों की संख्या अलग-अलग धर्म ग्रंथों में अलग-अलग दी गई है। जहां देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है वही देवी भागवत में 108, देवी गीता में 72 और तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। हालांकि मुख्य तौर पर देवी के 51 शक्तिपीठ ही माने गए है। लेकिन क्या आप जानते हैं, 51 शक्तिपीठों में से 4 ऐसे भी हैं जो आज भी अज्ञात हैं। वे आज कहां और किस रूप में हैं, यह बात कोई नहीं जान पाए। रत्नावली शक्ति पीठ (Ratnavali Shakti Peeth) मां सती के इस शक्तिपीठ को लेकर कहा जाता है कि यहां देवी मां का कंधा गिरा था। मान्यता है कि यह अंग मद्रास की आस-पास गिरा, लेकिन सही स्तिथि ज्ञात नहीं है। कालमाधव शक्ति पीठ (Kalmadhav Shakti Peeth) कहते है यहां देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद नाम से विराजित हैं। मान्यता है यहां मां सती का बाएं कूल्हे गिरे थे। यह स्थान भी आज तक अज्ञात है। लंका शक्ति पी